This is my contribution to show the strength of our ' jawans ' . It has 4 paragraphs , three paragraphs related to ' jawans ' and one addressing the nation on behalf of the ' jawans ' :)
क़र्ज़ तेरा है लहू पर , बह गया तो गम नहीं है !!
अग्नि भी ना रोक पाए , पानी देखे सुख जाए !
आंधियां सब कम्प्कम्पायें , रोके कोई ना रोक पाए !!
छाती पर गोली सहेंगे , छुपने वाले हम नहीं है !
क़र्ज़ तेरा है लहू पर , बह गया तो गम नहीं है !! --1
धरती हिलती हम जो चलते , सांसों में अंगारे पलते !
शत्रु रोकर छुप ही जाते , रह जाते बस हाथ मलते !!
आँखों से आँखें मिलादे , ये किसी में दम नहीं है !
क़र्ज़ तेरा है लहू पर , बह गया तो गम नहीं है !! --2
हरे रंग की वर्दी अपनी , श्वेत रंग के सपने है !
केसरिया रंग धड़कन में है , बस येही तीन रंग अपने हैं !!
तीन रंगों में दुनिया सिमटी , लगती फिर भी कम नहीं है !
क़र्ज़ तेरा है लहू पर , बह गया तो गम नहीं है !! --3
वक़्त मिलता है कभी तो , मिटटी को चख लेना तुम !
इसमें खूँ है शहीदों का , यादगार रख लेना तुम !!
प्यारी धरती है ये अपनी , इससे सुन्दर कुछ नहीं !
इसकी खातिर सब है जायज़ , बिन इसके कुछ भी नहीं !!
देश पर जो नज़र उठादे , फिर दिल में कोई रहम नहीं है !!
क़र्ज़ तेरा है लहू पर , बह गया तो गम नहीं है !! --4
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